2023 में एकादशी तिथियों की सूची के अनुसार विभिन्न दिनों पर पड़ेगी। यह भारतीय हिन्दू परंपरा में महत्वपूर्ण तेयोहार है जिसे भगवान विष्णु की पूजा के रूप में माना जाता है। एकादशी 11वें तिथि को आती है और हर माह में दो बार आती है, एक शुक्ल पक्ष और एक कृष्ण पक्ष में। इस तरह, 2023 में एकादशी के विभिन्न दिन निम्नलिखित हो सकते हैं:
- पौष पुत्रदा एकादशी – 12 जनवरी, गुरुवार
- माघ शतिला एकादशी – 26 जनवरी, बुधवार
- फाल्गुन जया एकादशी – 25 फरवरी, शुक्रवार
- चैत्र विजया एकादशी – 26 मार्च, शनिवार
- वैशाख मोहिनी एकादशी – 25 अप्रैल, सोमवार
- ज्येष्ठ अपरा एकादशी – 24 मई, गुरुवार
- आषाढ़ पापमोचनी एकादशी – 23 जून, शुक्रवार
- श्रावण योगिनी एकादशी – 22 जुलाई, रविवार
- भाद्रपद परिवर्तिनी एकादशी – 20 अगस्त, बुधवार
- आश्वयुज इंदिरा एकादशी – 19 सितंबर, शुक्रवार
- कार्तिक रमा एकादशी – 19 अक्टूबर, गुरुवार
- मार्गशीर्ष उत्तपन्ना एकादशी – 18 नवंबर, शनिवार
- पौष मोक्षदा एकादशी – 18 दिसंबर, सोमवार
ये तिथियां भारतीय पंचांग और हिन्दू पंचांग के अनुसार हैं। एकादशी का महत्व है क्योंकि इसे भगवान विष्णु की पूजा के लिए विशेष माना जाता है और इस दिन उपवास करने की प्रथा है। यह एकादशी व्रत दान, तप, ध्यान और पूजा का दिन माना जाता है जो विष्णु भक्ति में भागीदारी बढ़ाता है।
एकादशी के महत्वपूर्ण महीने:
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माघ (जनवरी-फरवरी): माघ के महीने में विशेष रूप से एकादशी का व्रत किया जाता है।
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कार्तिक (अक्टूबर-नवंबर): चातुर्मास के अंत में कार्तिक मास में भी एकादशी का विशेष महत्व होता है।
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वैशाख (अप्रैल-मई): वैशाख मास में मोहिनी एकादशी महत्वपूर्ण होता है।
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ज्येष्ठ (मई-जून): ज्येष्ठ मास में अपरा एकादशी का व्रत किया जाता है।
एकादशी के व्रत के दौरान भक्त श्रीहरि की पूजा करते हैं, अपने को पवित्र करते हैं और अपने मन को उनकी दिशा में भटकने से बचाते हैं। इसके अलावा, एकादशी का पालन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।
क्यों मनाया जाता है एकादशी का त्योहार:
एकादशी का व्रत और त्योहार पुराने समय से ही हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण रहा है। इसकी पौराणिक कथाएं और महत्व हैं जो कहते हैं कि एकादशी का पालन करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और पुण्य कामियता मिलती है।
हिन्दू धर्म में यह माना जाता है कि एकादशी का पालन करने से जीवन में सुख-शांति और संतुलन बना रहता है। इसे भक्ति और त्याग के परिप्रेक्ष्य में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।
एकादशी के व्रत के नियम:
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**उपवास: ** एकादशी के दिन उपवास रखना आवश्यक है। बिना अनाज अथवा अन्य भोजन का सेवन किए, फल-सब्जी एवं दूध-दही का सेवन करना चाहिए।
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**जागरण: ** एकादशी की रात्रि में विष्णु भगवान की पूजा-अर्चना एवं भजन-कीर्तन की विधि से विशेषागर रखना चाहिए।
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**दान: ** एकादशी के दिन दान करना भी बहुत महत्वपूर्ण है।
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**चरित्रशीलता: ** एकादशी के दिन सौम्यावस्था में रहना चाहिए और ध्यान आदि करना चाहिए।
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**भगवद्भक्ति: ** विष्णु भगवान के प्रति श्रद्धा और भक्ति बढ़ानी चाहिए एवं उनकी आराधना करनी चाहिए।
एकादशी का व्रत आत्मशुद्धि का एक मार्ग है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को सुधारता है। इस व्रत का पुण्य करने से व्यक्ति को शांति, संतुलन और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
FAQs (Frequently Asked Questions) एकादशी पर:
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एकादशी क्या है?
एकादशी हिन्दू पंचांग के अनुसार 11वें तिथि को आने वाला एक त्योहार है जो भगवान विष्णु की पूजा में मनाया जाता है। -
एकादशी का महत्व क्या है?
एकादशी का पालन करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति को सुख-शांति मिलती है। -
एकादशी के दिन क्या खाना चाहिए?
एकादशी के दिन अनाज, फल और सब्जियाँ खाने की सलाह दी जाती है। व्रती को संक्रांति काल तक उपवास रखना चाहिए। -
एकादशी को किस प्रकार ध्यान लगाना चाहिए?
एकादशी के दिन विष्णु भगवान की पूजा, ध्यान और मंत्र जाप करने से उपयोग होता है। -
एकादशी के दिन क्या न करें?
एकादशी के दिन ज्यादा काम न करें, गंदगी न बर्तें और नेगेटिविटी से दूर रहें। -
किन किन चीजों के सेवन से बचना चाहिए एकादशी के दिन?
आलसी, अक्लिष्ट, सड़ी, भाग्यांश, कटू और अम्ल रसायनों से बचना चाहिए। -
एकादशी के दिन क्या शुभ माना जाता है?
एकादशी के दिन सभी पापों से मुक्ति की प्राप्ति होती है और भगवान की कृपा प्राप्त होती है। -
एकादशी के दिन क्या उपयोगी कार्य किए जा सकते हैं?
एकादशी के दिन ध्यान, जप, पाठ, कीर्तन, दान और सेवा इत्यादि के कार्य किए जा सकते हैं। -
एकादशी के दिन कौन-कौन से पूजन किए जाते हैं?
एकादशी के दिन विष्णु भगवान, लक्ष्मी माता, गणेश, हनुमान जी आदि को पूजा जाता है। -
एकादशी के दिन क्या व्रत करने से लाभ होता है?
एकादशी के दिन व्रत करने से शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति, पूजन की शक्ति एवं दैवीय आनंद की प्राप्त